गुस्से से नहीं, समझदारी से बदलती है जिंदगी"


कहानी का परिचय

यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसने अपने छोटे भाई के लिए अनेक त्याग और बलिदान किए, लेकिन वही भाई आगे चलकर स्वार्थी बन गया। कहानी में वकील साहब के किरदार के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि जीवन में गुस्से और बदले की भावना के बजाय क्षमा, प्रेम और संयम से काम लेना अधिक लाभकारी होता है। वकील साहब ने अपने अनुभव और समझदारी से उस व्यक्ति को सही मार्ग दिखाया, जिससे वह अपने बच्चों के भविष्य पर ध्यान केंद्रित कर सका। इस कहानी का मुख्य संदेश यह है कि सच्चे रिश्तों में त्याग, धैर्य और क्षमा का बड़ा महत्व होता है, और समय के साथ सच्चाई और अच्छाई का फल अवश्य मिलता है।



गुस्से से नहीं, समझदारी से बदलती है जिंदगी"


गुस्से से नहीं, समझदारी से बदलती है जिंदगी"


उची आवाज मे बोला वकील साहब मुझे एक फ्लैट का स्टे लेना है । मुझे दिलवा दीजिये । वकील साहब बोले ठीक है पहले आरम से बैठ जाइये । ठंडा पीजिये उसके बाद आरम से बात करते है । वकीन साहब अपने पेओन को बुलाया और ठंडा पानी मगवाया । उसके बाद वकील साहब बोले आप कागज और इस केस से जुड़ी सारा इनफार्मेशन यही छोड़ दीजिये और चार दिन बाद आइये उसके बाद बताता हुन क्या करना है । वह आदमी चला गया । वकील साहब उसके केस को पढ़ने लगे पुरी जानकारी ली । चार दिन बाद वह आदमी फिर आया । इससे पहले वह आदमी कुछ कहता वकील साहब ने कहा पहले आप मेरी बात सुन लीजिये । उसके बाद बोलियेगा । 




गुस्से से नहीं, समझदारी से बदलती है जिंदगी"




वकील साहब कहने लगे की आप और आपकी एक बहन और आपका एक छोटा भाई है । बचपन मे हि मा बाप गुजर गये । उनके गुजरने के बाद आप हि परिवार मे बढ़े है । आप ने अपने बहन और छोटे भाई को पढ़ाया लिखाया और जब बहन शादी के योग्य हुई तो आपने उसकी शादी भी करा दिया । आप खुद नौवी तक है पड़े है लेकिन आपने अपने छोटे भाई को पढ़ाने मे कोई कसर नहीं छोड़ी । मेहनत मजदूरी जो करना पढ़ा आप ने किया लेकिन आपने अपने छोटे भाई को पढ़ाया । जब आपके भाई का इंजीनियरिंग मे नाम लिखा गया तो एक साल का फिस अस्सी हजार था तब भी आओ पीछे नहीं हटे । खेतो मे धूप मे काम करते रहे लेकिन आपने अपने भाई के पढ़ाई को पुरी कराया । जब आपका भाई इंजीनियरिंग कॉलेज मे हि एक लड़की को पसंद किया और शादी के लिया कहा तो आपने उससे उसकी शादी करा दिया ।



गुस्से से नहीं, समझदारी से बदलती है जिंदगी"



 वह आपका छोटा भाई शादी के बाद बदल गया घर आना जाना कम कर दिया पैसा भेजना बंद कर दिया । आपके भाई ने शहर मे रहने के लिए एक फ्लैट लिया है और आपसे कहा है की आप खेत बेचके उसके हिस्से का पैसा उसे दे दे । इसी फ्लैट का आप स्टे चाहते है । और इसी बात पर आप अपने भाई पर बहुत गुस्सा है । वकील साहब ने कहा क्यो मै सही कह रहा हुन ना । उसने हा मे सर हिलाया । वकील साहब ने कहा अभी और सुनिए । जब आपका भाई छोटा था एक बार चोट लग गया था तो आप उसे कंधे पर उठा के अपने गांव से पंच किलोमीटर दूर अस्पताल ले गये थे और उसका इलाज करवाया ।


गुस्से से नहीं, समझदारी से बदलती है जिंदगी"



 एक बार आपके भाई की किडनी फैल हो गई थी तो आपने अपनी किडनी उसे दे दिया । वकील साहब बोले अब आप मेरी बात ध्यान से सुनिए । आप जो इस फ्लैट पर स्टे लगवाना चाहते है । वह तो तिन या चार दिन मे हो जायेगा । लेकिन क्या उससे आपने जो किडनी अपने भाई को दिया है वह वापस आ पायेगा । जो आपने अपने भाई के लिए मेहनत की जो अनमोल समय दिया वह वापस आ पायेगा । नहीं ना आप अपने गुस्से को सही दिसा मे मोढ़िए । और इन कोट कचहरी का चक्कर छोड़िये और अपना समय और ध्यान अपने बच्चों के पढ़ाई पे लगाइये । 




गुस्से से नहीं, समझदारी से बदलती है जिंदगी"




इतना सुनकर वह आदमी कुछ समय तक शांत रहा और उठा वहा से चला गया । वकील साहब को लगा की ये किसी और वकील के पास गये होंगे । इस बात वर्षो बीत गया । कुछ वर्षो के बाद वह आदमी फिर आया । लेकिन इस बार उसके हांथ मे मिठाई का डब्बा था और उसके चेहरे पर मुस्कान थी । वकील साहब ने कहा की आइये बैठिये । मै आपको पहचान गया । वह आदमी बोला लीजिये वकील साहब मिठाई खाइये । उस दिन आपने जो ज्ञान दिया था । आज मेरा बेटा डॉक्टर बन गया है । मेरे हि गांव मे अस्पताल खोला है । और तो और मेरे छोटे भाई ने भी माफी मांग ली है । 



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इस कहानी को पढ़ने से कई महत्वपूर्ण शिक्षाएँ और लाभ प्राप्त होते हैं:

  1. धैर्य और संयम का महत्व:कहानी सिखाती है कि क्रोध में लिए गए निर्णय अक्सर गलत हो सकते हैं। शांत मन से विचार करके ही सही रास्ता चुना जा सकता है।

  2. त्याग और प्रेम की शक्ति:व्यक्ति ने अपने छोटे भाई के लिए बहुत त्याग किया, जिससे पता चलता है कि सच्चे रिश्ते त्याग और समर्पण पर आधारित होते हैं।

  3. क्षमा का महत्व:जीवन में माफ करना और गिले-शिकवे भुलाकर आगे बढ़ना बहुत जरूरी है। कहानी यह दर्शाती है कि क्षमा करने से रिश्ते फिर से जुड़ सकते हैं।

  4. सकारात्मक सोच का प्रभाव:वकील साहब की सलाह पर व्यक्ति ने अपने बच्चों के भविष्य पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे उसका बेटा डॉक्टर बन सका। यह दिखाता है कि सही दिशा में मेहनत करने से सफलता निश्चित है।

  5. परिवार का महत्व:कहानी इस बात पर जोर देती है कि परिवार में प्रेम, त्याग और समझदारी ही उसे मजबूत बनाती है।


इस कहानी से हमें जो शिक्षाएँ मिलती हैं, उन्हें अपने जीवन में अपनाकर हम कई समस्याओं का समाधान कर सकते है ।


1. गुस्से में लिए गए फैसलों से बचेंजब भी आप किसी से नाराज हों या गुस्से में हों, तुरंत प्रतिक्रिया देने के बजाय खुद को शांत करें। जैसे वकील साहब ने उस व्यक्ति को ठंडा पानी पिलाकर शांत किया, वैसे ही आप भी ठंडे दिमाग से सोचें और सही निर्णय लें।

2. त्याग और समर्पण को महत्व देंजीवन में अपनों के लिए किए गए त्याग को हमेशा याद रखें। रिश्तों में अपने योगदान को कभी न भूलें और दूसरों के लिए सकारात्मक सोच बनाए रखें।

3. गुस्से को सकारात्मक ऊर्जा में बदलेंजब भी आप किसी की गलतियों पर गुस्सा करें, उस ऊर्जा को अपनी उन्नति में लगाएं। जैसे उस व्यक्ति ने अपने गुस्से को अपने बेटे की पढ़ाई पर केंद्रित किया और उसका बेटा डॉक्टर बना।

4. क्षमा और समझदारी अपनाएंयदि कोई करीबी व्यक्ति आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा, तो उसे माफ करने का साहस रखें। समय के साथ आपके रिश्ते फिर से मधुर हो सकते हैं।

5. लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करेंअपनी ऊर्जा को कोट-कचहरी या व्यर्थ की बातों में लगाने के बजाय अपने और अपने परिवार के भविष्य को संवारने में लगाएं।


निष्कर्ष :

यह कहानी त्याग, प्रेम और क्षमा का संदेश देती है। एक व्यक्ति ने अपने छोटे भाई के लिए कई बलिदान किए, लेकिन उसका भाई स्वार्थी बन गया। वकील साहब की सलाह पर उस व्यक्ति ने गुस्से के बजाय अपने बच्चों के भविष्य पर ध्यान केंद्रित किया। अंततः उसका बेटा डॉक्टर बना और उसका भाई अपनी गलती मानकर माफी मांगने आ गया। कहानी सिखाती है कि क्रोध के बजाय धैर्य और क्षमा से जीवन में सुखद परिणाम प्राप्त होते हैं।


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