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दुख में सलाह नहीं, Emotional Support क्यों ज़रूरी है?”

                                      


दुख कई बार सलाह नहीं, सहारा मांगता है – Emotional Support की सच्चाई

                                     
                                       
                                       

जीवन में हर कोई दुख और कठिनाइयों से गुजरता है। लेकिन जब इंसान दुखी होता है तो ज़रूरी नहीं कि वह सलाह (advice) ही चाहता हो। कई बार उसे केवल सहारा (emotional support) चाहिए होता है। यही सहारा उसे आगे बढ़ने की ताकत देता है।

                                   


1. दुख में इंसान को क्या चाहिए?

  • जब हम उदास या परेशान होते हैं, उस समय दिमाग पहले से ही थका हुआ होता है।

  • कोई हमें सलाह देने लगे तो वह अक्सर बोझ लगती है।

  • जबकि अगर कोई केवल चुपचाप साथ बैठ जाए, हाथ पकड़ ले या बस सुने, तो वही सबसे बड़ा सहारा बन जाता है।

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  • 2. सहारा और सलाह में फर्क

    • सलाह (Advice): बताती है कि आगे क्या करना है।

    • सहारा (Support): बताता है कि आप अकेले नहीं हैं।

    कई बार ज़िंदगी की लड़ाइयों में इंसान को जीतने के लिए रास्ता नहीं, बल्कि हौसला चाहिए होता है।

                                   

    3. दुख में सहारा क्यों ज़रूरी है?

    1. Mental Health ठीक रहती है।

    2. इंसान को लगता है कि कोई उसकी भावनाओं को समझ रहा है।

    3. यह भरोसा देता है कि चाहे हालात कैसे भी हों, वह अकेला नहीं है।

    4. सहारा आत्मविश्वास और साहस बढ़ाता है।


    4. जब कोई दुखी हो तो क्या करें?

    • तुरंत सलाह न दें।

    • पहले उसकी बात ध्यान से सुनें

    • उसका हाथ पकड़कर या कंधे पर हाथ रखकर जताएं कि आप साथ हैं।

    • केवल एक वाक्य बोलना ही काफी है – “मैं तुम्हारे साथ हूँ।”


    5. निष्कर्ष

    दुख इंसान को तोड़ता है, लेकिन सही सहारा उसे फिर से खड़ा कर देता है।
    याद रखें –
    सलाह सही समय पर काम आती है, लेकिन सहारा हर समय अमूल्य होता है।



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