किसान के नियम पालन का फल - Motivational story

 

किसान के नियम पालन का फल- Motivational story

एक किसान को नियमित एक काम करने से सोने एक थैला मिल गया । और उस किसान की जिंदगी बदल गई । इस कहानी मे नियमित काम करने के महत्व को को बताया गया है । यादी कोई अपने काम करने से थक जाता वह रोजाना उस अपने को को नियम बध्द् तरीके से करे उसे जरूर सफलता  हासिल होगा ।

किसान के नियम पालन का फल 

 किसान बिना कुछ किये भगवान को पाना चाहता था एक दिन वह एक साधू के पास गया और बोला कोई ऐसा  उपाय बताओ जिससे मुझे भगवान मिल जाए । साधू ने कहा की इसके लिए जो मै कहूंगा करना पड़ेगा । किसान ने कहा ठीक है बताइये क्या करना है । साधू ने कहा की रोजाना पूजा अर्चना करना है । भगवान का पूजा करना  है । इस पर किसान ने कहा की मेरे पास इतना समय नहि है की मैं पूजा अर्चना कर सकूँ । साधू बोले की ठीक है तब दिन एक बार मंदिर से होकर जाना और भगवान के सामने हांथ जोड़ लेना । 


किसान के नियम पालन का फल- Motivational story


किसान ने कहा की मै जिस रास्ते खेत मे जाता हुन उस रास्ते पर तो मंदिर हि नहीं है कोई और नियम बताओ । साधू सोचने लगा और बहुत सोचने पर साधू ने कहा । रोजाना  किसी एक ब्यक्ति को चुन के उसका मुख देखकर हि भोजन करना । किसान बोला ठीक  है यह मै कर लूंगा । किसान अपने खेत के बगल मे एक किसान को चुन लिया की अब इसी का मुख देखकर भोजन करूंगा । रोजाना जब काम करने के लिए जाता था उसी आदमी का मुख देखर भोजन करता था । एक दिन किसान को बहुत जोर से भूख लगी लगी थी और वह उस आदमी को ढूढ़ने लगा की उसका मुख देख लु उसके बाद भोजन करूंगा । लेकिन वह आदमी नहीं मिला । आस पास के लोगो से पूछा तो पता चला की वह आदमी तालाब के किनारे मिट्टी खोदने गया है। 


किसान के नियम पालन का फल  - Motivational story


अब किसान दौड़ता दौड़ता तालाब के किनारे पहुंच गया । उस आदमी को मिट्टी खोदते खोदते सोने के सिक्कों का एक थैला मिला था और वह उसी को देख रहा था । तब तक किसान गया और उसका मुख देखकर भोजन करने के लिए अपने खेत के तरफ भागने लगा लेकिन वह थैले के तरफ ध्यान नहीं दिया । जिस आदमी को वह थैला मिला था उसको लगा की उसने यह थैला देख लिया है अब गांव मे जाकर कह देगा । इस दर से वह आदमी किसान के पास गया और बोला की किसी से कहना मत और इस थैले के आधे सिक्के तुम रख लो औए आधे सिक्के मै रख लेता हुन । किसान बहुत खुश हुआ की रोजाना केवल एक नियम अपनाया तो भगवान इतना कुछ दे दिया । आज से मै रोजाना भगवान की भजन   कीर्तन करूंगा ।


निष्कर्ष

इस कहानी से हमे यह सिख मिलती है की हमे कोई भी काम नियमित और लगन से करना चाहिए । हमे सफलता जरूर मिलेगी । 
नियमितता जीवन का एक सुनहरा नियम है। चाहे वह पढ़ाई हो, कार्य हो, स्वास्थ्य हो या भक्ति, हर क्षेत्र में नियमित कार्य करने से ही सफलता प्राप्त होती है।

नियमित कार्य करने का महत्व

नियमितता (Consistency) जीवन में सफलता और संतुलन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। जब हम किसी कार्य को नियमित रूप से करते हैं, तो वह हमारी आदत बन जाता है और हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करता है।


नियमित कार्य करने के लाभ:

  1. सफलता की ओर मार्गदर्शन:
    नियमितता से छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े परिणाम ला सकते हैं। जैसे प्रतिदिन एक पन्ना पढ़ने से एक महीने में एक पूरी किताब पढ़ी जा सकती है।
    आत्म-नियंत्रण और अनुशासन:
    नियमित कार्य करने से स्वयं पर नियंत्रण बढ़ता है और अनुशासन का विकास होता है, जो जीवन के हर क्षेत्र में मदद करता है।
    लक्ष्य प्राप्ति में सहायता:
    नियमितता से लक्ष्य तक पहुंचने की योजना स्पष्ट होती है और कदम दर कदम उसे प्राप्त करना आसान होता है।
    आत्म-विश्वास में वृद्धि:
    जब आप नियमित रूप से कार्य करते हैं और अपने छोटे-छोटे लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं, तो इससे आत्म-विश्वास में बढ़ोतरी होती है।
    तनाव में कमी:
    नियमित कार्य से कार्यों का ढेर नहीं लगता, जिससे समय प्रबंधन में आसानी होती है और तनाव कम होता है।
    जीवन में स्थिरता:
    नियमित दिनचर्या से जीवन में संतुलन और स्थिरता आती है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।


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