भाग्य का महत्व । bhagy ka mahatv

कहानी का सार:

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सफलता केवल मेहनत, शिक्षा या अवसर पर निर्भर नहीं करती, बल्कि भाग्य का साथ होना भी उतना ही आवश्यक है। यदि भाग्य अनुकूल न हो तो बड़े से बड़ा अवसर भी व्यर्थ हो सकता है। साथ ही, जल्दबाजी में लिए गए निर्णय कभी-कभी हमें अपने अच्छे अवसरों से वंचित कर सकते हैं। इसलिए हमें धैर्य और समझदारी के साथ सही समय पर निर्णय लेना चाहिए।


भाग्य का महत्व । bhagy ka mahatv


भाग्य का महत्व । bhagy ka mahatv


 बहुत समय पहले की बात है । एक गुरुकुल मे दो विद्यार्थी एक साथ शिक्षा ग्रहण कर रहे थे दोनो मे बहुत हि घनिष्ठता थी । हर काम एक साथ करते थे । एक दिन दोनो जंगल मे लकड़िया तोड़ने के लिए गये थे । दोनो आपस मे बात कर रहे थे । उनमे से से एक ने कहा की जब राजा देगा तभी भाग्य चमकेगा नहीं तो ये पौरुष और शिक्षा किसी काम का नहीं है । दूसरे ने कहा की नहीं तुम गलत कह रहे हो । भाग्य साथ देगा तभी राजा का दिया हुआ किसी काम आएगा नहीं तो ये पौरुष और ये शिक्षा किसी काम का नहीं है । 




भाग्य का महत्व । bhagy ka mahatv



दोनो मे बहुत बहस हो गई । दोनो ने निर्णय लिया की चलो राजा से हि पूछा जाय की कौन सही बोल रहा है । दोनो राजा के पास गये । दोनो ने अपनी अपनी बात कही । और बोले की राजा साहब आप बताइये की कौन सही बोल रहा है । राजा अपनी तारीफ सुनकर बहुत खुश हुआ । राजा पहले वाले विद्यार्थी को सही कहने वाला था । लेकिन राज दरबार मे बहुत से लोग थे ।




भाग्य का महत्व । bhagy ka mahatv





 राजा ने सोचा की यदि मै पहले वाले विद्यार्थी को सही कहूंगा तो दरबार के लोग कहेंगे की राजा अपनी तारीफ सुनकर ऐसा कहा है । इसलिए राजा ने दोनो को कपड़े मे कुछ उपहार दिया और कहा की इसे लेकर जाओ घर एक महीने के बाद आना तब मै बताऊंगा की किसकी बात सही है । दोनो अपने घर जाने लगे तो रास्ते मे एक ने कहा की देख लिया जाय की राजा ने क्या दिया है । पहले वाले ने कपड़ा हटाया तो देखा की कद्दू है । 




भाग्य का महत्व । bhagy ka mahatv



दूसरे ने कपड़ा हटाया तो देखा की सत्तू है । पहले वाले ने कहा की भाई मेरा कद्दू ले ले और अपना सत्तू देदे मुझे बहुत भूख लगी है । दूसरे ने अपना सत्तू दे दिया और कद्दू ले लिया । दोनो अपने अपने घर पहुंचे । दूसरे वाले ने कद्दू फोड़ा तो देखा की उसके अंदर हिरा और मोती है दूसरा वाला खुश हो गया । एक महीना बढ़े आरम से गुजारा ।




भाग्य का महत्व । bhagy ka mahatv



 एक महीने के बाद दोनो राजा के दरबार मे पहुचे । राजा ने पूछा की कैसे गुजरा है यह एक महीना । पहले वाले ने कहा की कैसे गुजरेगा जब आप ने केवल हमे सत्तू दिया था तो । 



भाग्य का महत्व । bhagy ka mahatv




राजा ने कहा क मैने तो तुम्हे कद्दू फिया था । इस पर पहले वाले ने कहा की मुझे भूख लगी थी इसलिए मैने अपना कद्दू देकर सत्तू ले लिया था । राजा यह बात सुनकर हसने लगा और कहा की दूसरे वाले की बात बिल्कुल सही है जब भाग्य साथ देगा तभी राजा का दिया हुआ सार्थक होगा।


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इस कहानी को पढ़ने से हमें कई महत्वपूर्ण जीवन पाठ सीखने को मिलते हैं:

  1. भाग्य का महत्व: मेहनत और शिक्षा के साथ-साथ भाग्य का योगदान भी सफलता में अहम भूमिका निभाता है। सही अवसर का लाभ उठाने के लिए भाग्य का साथ होना जरूरी है।

  2. धैर्य और संयम: जल्दबाजी में लिए गए फैसले अक्सर नुकसानदायक हो सकते हैं। धैर्य और सोच-समझकर निर्णय लेने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।

  3. सही दृष्टिकोण: किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक नजरिया बनाए रखना महत्वपूर्ण है। कभी-कभी जो साधारण दिखता है, वही असल में बहुमूल्य होता है।

  4. सीखने का अवसर: जीवन में हर अनुभव से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। चाहे सफलता मिले या असफलता, दोनों ही हमारे ज्ञान और अनुभव को समृद्ध करते हैं।

इस कहानी का हमारे जीवन में गहरा उपयोग है, क्योंकि यह हमें कई महत्वपूर्ण सीख प्रदान करती है जो रोजमर्रा की जिंदगी में बेहद काम आती हैं:

1. निर्णय लेने में धैर्य का महत्व

कई बार हम बिना सोचे-समझे जल्दबाजी में निर्णय ले लेते हैं, जिससे हमें नुकसान हो सकता है। जैसे पहले विद्यार्थी ने भूख के कारण बिना सोच-विचार के अपना कद्दू बदल लिया और अपने भाग्य का अवसर गंवा दिया। इसी तरह, जीवन में धैर्यपूर्वक सोच-समझकर लिए गए निर्णय अक्सर बेहतर परिणाम देते हैं।

2. अवसरों को पहचानने की कला

हर अवसर स्पष्ट रूप से लाभकारी नहीं दिखता। कभी-कभी साधारण सी चीज़ में भी बड़ी सफलता छिपी हो सकती है। जीवन में सफलता उन्हीं को मिलती है जो अवसरों को पहचानते हैं और उनका सही समय पर उपयोग करते हैं।

3. भाग्य और मेहनत का संतुलन

इस कहानी से यह सीख मिलती है कि मेहनत और ज्ञान के साथ-साथ भाग्य का साथ होना भी आवश्यक है। सफलता के लिए केवल मेहनत ही नहीं, बल्कि सही समय और सही परिस्थितियों का संयोग भी जरूरी होता है।

4. दूसरों की सलाह को समझदारी से अपनाना

हमेशा दूसरों की सलाह या कथन को केवल सुनने के बजाय उसे समझदारी से परखना चाहिए। बिना सोचे-समझे किसी के कहे अनुसार कार्य करने से नुकसान हो सकता है।

5. संतोष और सकारात्मक सोच

दूसरे विद्यार्थी ने परिस्थितियों को स्वीकार किया और अंततः उसे सफलता मिली। जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने से हम कठिनाइयों का सामना बेहतर ढंग से कर सकते हैं।

निष्कर्ष: इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि मेहनत, शिक्षा और अवसर के साथ-साथ सही समय पर सही निर्णय लेना और भाग्य पर भी विश्वास रखना सफलता के लिए आवश्यक है।

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