हिरणी का साहस : Hirani ka sahas
Inspirational story in Hindi
हीरानी का साहस स्टोरी हमे जिंदगी जीना सिखाति है की कैसे हमे जिंदगी के परेशानियों से लड़ना है इसे जरूर पढ़े।
कहानी का सार -
यह कहानी एक गर्भवती हिरणी की है, जो जंगल में आग लगने पर अपनी जान बचाने के लिए भागती है। भागते-भागते वह नदी किनारे पहुंचती है, लेकिन वहां उसकी मुश्किलें बढ़ जाती हैं। एक तरफ शिकारी बंदूक ताने खड़ा था, दूसरी तरफ शेर घात लगाए बैठा था, पीछे जलता हुआ जंगल और सामने गहरी नदी थी।
हर ओर मौत थी, लेकिन हिरणी ने हिम्मत नहीं हारी। उसने भगवान से प्रार्थना की। तभी आग की एक चिंगारी शिकारी की आंख में गिर गई, जिससे उसकी गोली शेर को लग गई। उसी समय बारिश शुरू हुई और जंगल की आग बुझ गई। हिरणी सुरक्षित बच गई और उसी बारिश में अपने बच्चों को जन्म दिया।
हिरणी का साहस :
Hirani ka sahas
यह कहानी एक जंगल में रहने वाली एक हिरण की है। एक दिन घना बादल छा जाता है। हमें ऐसा लगता है कि बहुत घनघोर बारिश होगी। बिजली बहुत तेज तड़कती है। सभी जानवर डर जाते हैं। सभी अपनी-अपनी जान बचाने के बारे में सोचते हैं। अचानक एक बिजली जंगल में गिरती है और जंगल में आग लग जाती है। सभी जानवर अपनी अपनी जान बचाकर इधर उधर भगाने लगते हैं। जंगल में रहने वाली हिरणी भी अपनी जान बचाकर भागती है। लेकिन समस्या ये थी की हिरानी बहुत तेज नहीं भाग सकती । क्योकी हिरणी गर्भवती थी। उसके पेट में नन्हे नन्हे बच्चे थे।
हिरणी को अपनी जान के साथ-साथ अपने बच्चों की भी जान बचानी थी। किसी तरह हिरानी नदी किनारे तक पहुंच जाती है और थोड़ी राहत मिलती है। भागते-भागते थक गई थी और उसे जोर से प्यास भी लगा इसलिए उसने पानी भी पिया। अचानक हिरानी को लगा कि उसके पीछे कोई है। उसने पलट के देखा तो पता चला की झड़ीयो में एक शिकारी छिपा हुआ है। शिकारी अपने बंदूक में गोलियाँ भर रहा है। हिरनी भगाने की सोची और दूसरा तरफ मुढ़ी तो देखा कि दूसरा तरफ शेर खड़ा है। हिरनी सोचने लगी को किस तरफ भागु। एक तरफ शिकारी है। और एक तरफ शेर है. एक तरफ नदी है. नदी को देखकर ऐसा लग रहा था कि इस हालत में वह नदी पार नहीं कर सकती।
हिरणी जंगल की तरफ भी नहीं भाग सकती क्योंकि जंगल में आग लगी थी। हिरनी भागे तो भागे कहा। चारो तरफ मौत थी. हिरनी को लगा कि यही मेरा अंतिम समय है। और मेरा बचना मुश्किल है। हिरानी को अपने मरने का दुख नहीं था लेकिन वह अपने नन्हे नन्हे बच्चों के लिए दुखी थी। वाह अपने बच्चों को जन्म देना चाहती थी। लेकिन ऐसा संभव नहीं था इसलिए हिरानी ने फैसला लिया कि मारना ही है तो क्यों ना शान से मारा जाए। ऐसा सोच कर वह शिकारी के तरफ मुख कराके खड़ी हो गई। आँखे बंद कराके भगवान को याद करने लगी। भगवान से मन ही मन प्रार्थना करने लगी कि हे भगवान मुझे बच्चा ले माई बच्चों को जन्म देना चाहती हूं मेरे बच्चों के खातिर मुझे बच्चा ले भगवान।
कोई चमत्कार दे. अचानक जंगल में लगी आग से एक चिंगारी उड़ के शिकारी के आंख में गिरती है। उसी समय बंदूक की गोली चलती है और गोली हिरानी को लगाने के बाद शेर को लग जाती है। हिरनी बच जाती है. बारिश होती है और जंगल की आग बुझ जाती है। उसी बारिश में हिरानी अपने बच्चों को जन्म देती है।
Good story radhe radhe ji
जवाब देंहटाएं