Hindi Motivational Story In hindi - एक सरल हृदय की पुकार

कहानी का परिचय - 

यह Hindi Motivational Story in hindi  एक आलसी लेकिन सरल और सच्चे दिल वाले लड़के की है, जो बिना मेहनत के सब कुछ पाना चाहता था। आश्रम में रहने के दौरान उसे भोजन और नाश्ता आसानी से मिलता था, लेकिन एक दिन उपवास के कारण उसे भूखा रहना पड़ा। गुरुजी की सलाह पर उसने नदी किनारे भोजन बनाया और भगवान को भोग लगाने के लिए बुलाया। उसकी सच्ची भक्ति से भगवान राम प्रकट हुए। लड़के की निःस्वार्थ सेवा से प्रसन्न होकर भगवान हर बार अपने परिवार और सेना के साथ आने लगे। लड़के की सरलता और सच्चे मन से भक्ति ने भगवान को भी दर्शन देने के लिए मजबूर कर दिया।


Hindi Motivational Story In hindi - एक सरल हृदय की पुकार


Hindi Motivational Story In hindi - एक सरल हृदय की पुकार

 एक आलसी लड़का था । बहुत हि आलसी था । कोई भी काम नहीं करना चाहता था । बिना कुछ किये सब कुछ पाना चाहता था । लेकिन स्वभाव से बहुत हि सरल और सच्चा था । उससे किसी ने बता दिया की आश्रम मे चले जाओ तो बिना मेहनत के दो टाइम भोजन और दोपहर मे नास्ता भी मिलेगा । लड़का यह सुनकर बहुत खुश हुआ । उसने सोचा की अब कुछ नहीं मुझे अब महात्मा हि बनना है । 



Hindi Motivational Story In hindi - एक सरल हृदय की पुकार


तुरंत तैयार होकर आश्रम की ओर चल पड़ा । आश्रम पहुंचने के बाद सब कुछ ठीक चल रहा था । टाइम भोजन नास्ता सब कुछ मिल रहा था । बदले मे भगवान की भक्ति और आश्रम की साफ सफाई करनी थी । लड़का बहुत खुश था । एक उसे सुबह का भोजन और नास्ता नहीं मिला । तो उसने सोचा की दोपहर मे मिलेगा । दोपहर को भी उसे कुछ नहीं मिला खाने को , उसे भूख खूब लगति थी उस दिन कुछ ज्यादा हि भूख लग गई । 



Hindi Motivational Story In hindi - एक सरल हृदय की पुकार


वह गुरु जी के पास गया बोला की आज भोजन क्यो नहीं बन रहा है । गुरु जी मे कहा की आज भोजन नहीं बनेगा आज आश्रम के सारे सदस्य का उपवास रहेगा । लड़के ने पूछा क्यो गरु जी ने कहा की आज एकादशी है । लड़के ने कहा गरुजी मै नहीं रह पाऊंगा मुझे भूख लगी है । गुरु जी कहते है की चलो ठीक यहा से अनाज लेलो और इस आश्रम से दूर जाकर बना के खा लो लेकिन भगवान को भोग जरूर लगा लेना । बोला ठीक है गुरु जी वह अनाज लिया नदी किनारे चल दिया 


Hindi Motivational Story In hindi - एक सरल हृदय की पुकार


भोजन बनाने के बाद बोला भगवान आओ भोग लगाओ । भगवान नहीं आये । दो तिन बार लड़के ने ऐसा हि बोला भगवान आओ भोग लगाओ । भगवान नहीं आये । बढ़े हि उदार और सरल स्वभाव से कहा की भगवान मै जानता हुन आप क्यो नहि आ रहे है । मै अच्छा भोजन नहीं बना पाता हुन इसलिए नहीं आ रहे है ना क्या करु मै रोजाना थोड़े हि भोजन बनता हुन । अब आ भी जाओ मै भूखा हुन । भगवान राम इसके सच्चे पुकार पर बहुत खुश होते है और आते है उस लड़के को दर्शन देते है लड़का बहुत खुश हुआ । लेकिन भगवान राम के साथ सीता भी आई थी उस लड़के ने केवल दो लोगो के लिए भोजन बनाया था । भगवान राम और सीता को भोजन कराया और खुद भूखा रह गया । उसके बाद भगवान चले गये । 



Hindi Motivational Story In hindi - एक सरल हृदय की पुकार


फिर साल भर बित गया फिर एकादशी आई लड़का फिर आश्रम से अनाज लेकर नदी किनारे गया इस बार तिन लोगो के लिए राशन लाया था । एक अपने लिए और दो राम और सीता के लिए । भोजन बनाने के बाद भगवान को पुकारने लगा की भगवान आओ भोग लगाओ । इस राम जी पूरे परिवार के साथ आये । फिर लड़का सबको भोजन करता है अपने भूखा रह जाता है भगवान राम जी कहता है प्रभु अगली बार आना तो बता के आना की कितने लोग आ रहे है मै उसी हिसाब से भोजन बनाऊंगा । उसके बाद भगवान चले गये । समय बीतता गया । फिर एकादशी आई तो लड़के ने गुरु जी से अधिक अनाज माँगा की गुरु जी मुझे अधिक अनाज दीजिये इतने मे नहीं हो पायेगा । गुरु जी ने पूछा की तुम तो अकेले हो तो इतने मे क्यो नहीं हो पायेगा । लड़का कहता है की भगवान राम के साथ बहुत लोग आते है भोग लगाने । गुरुजी सोचते है की लड़का पागल हो गया है । फिर कुछ सोचकर अनाज दे दुते है । 



Hindi Motivational Story In hindi - एक सरल हृदय की पुकार


लड़के के जाने के बाद उसके पीछे पीछे जाते है । इस बार लड़का कहता है मै भोजन नहीं बनाऊंगा पता नहीं भगवान कितने लोगो को लेकर आएंगे । भगवान आएंगे तो वही बनाएंगे और खुद खाएंगे । नदी पर पहुंचते हि भगवान को पुकाराने लगा । गुरुजी सब कुछ छुप कर देख रहे थे । कुछ हि दर मे भगवान आये इस बार अपने कुछ बंदर सेना को भी लेकर भी आये । लड़के ने कहा की हमे पता नहीं था की कितने लोग आएंगे इस लिए भोजन नहीं बनाया । आपलोग खुद बनाइये और भोग लगाइये । सभी मिलकर भोजन बनाने लगे । गुरु जी आये और बोले पागल ये क्या कर रहा है और किससे बात कर रहा है लड़के ने कहा की प्रभु राम से बात कर रहा हुन ।



Hindi Motivational Story In hindi - एक सरल हृदय की पुकार


 गुरु जी ने कहा मुझे तो यहां कोई नहीं दिख रहा है । लड़का प्रभु राम से कहता है प्रभु मुझे दिख रहे है मेरे गुरु जी को क्यो नहीं दिख रहे है गुरु जी मुझे पागल समझ रहे है । ये तो रोजाना पूजा पाठ करते है । और अधिक जानकर है । प्रभु ने कहा की ये तुम्हारे इतना सरल स्वभाव के और सच्चे नहीं है । घमंडी है । लड़के ने ये बात गुरु जी को बताई की प्रभु ऐसा कह रहे है । सुनकर गुरु जी रोने लगे । लड़के भगवान से निवेदन किया की भगवान मेरे गुरु जी को भी दर्शन दे दे । प्रभु लड़के के निवेदन को स्वीकार करके गुरु जी को भी दर्शन दिये  ।



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इस कहानी को पढ़ने से हमें कई महत्वपूर्ण सीख मिलती हैं:

  1. भक्ति में सरलता और सच्चाई का महत्व: भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए ज्ञान या बड़ा पद आवश्यक नहीं है। निःस्वार्थ भक्ति और सच्ची श्रद्धा ही भगवान को प्रसन्न करती है।

  2. निष्कपटता की शक्ति: लड़के का सरल और निष्कलंक हृदय ही उसकी सबसे बड़ी ताकत थी, जिससे भगवान राम स्वयं प्रकट हुए।

  3. धैर्य और समर्पण: लड़के ने भूख सहने के बाद भी अपनी श्रद्धा को नहीं छोड़ा और पूरी निष्ठा के साथ भगवान को पुकारता रहा।

  4. अहंकार का त्याग: गुरु जी के ज्ञान के बावजूद उनके अहंकार ने उन्हें भगवान के दर्शन से वंचित रखा, लेकिन जब उन्होंने अपनी भूल मानी और विनम्र बने, तभी उन्हें भगवान के दर्शन प्राप्त हुए।

  5. सच्चे प्रेम और सेवा का महत्व: लड़के का स्वयं भूखा रहकर भगवान और उनके परिवार को भोजन कराना उसकी निःस्वार्थ सेवा और प्रेम को दर्शाता है।

कहानी का निष्कर्ष:
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि भक्ति में ज्ञान, पद या बाहरी दिखावे से अधिक महत्व सरलता, सच्चाई और निःस्वार्थ प्रेम का होता है। जब मन में पवित्रता और श्रद्धा होती है, तो भगवान स्वयं भक्त की पुकार सुनते हैं। साथ ही, अहंकार और घमंड से ईश्वर का आशीर्वाद मिलने में बाधा उत्पन्न होती है। सच्चे मन से किया गया समर्पण हमेशा फलदायी होता है।

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