Moral stories in hindi - विश्वास की जीत
Moral stories in hindi
परिचय
यह कहानी एक ऐसे खुशमिजाज व्यक्ति की है, जो अपनी निस्वार्थ सेवा और प्रेमभाव के कारण सभी के दिलों में खास जगह बनाए हुए था। उसकी रोज़ की आदत थी कि वह रास्ते में कुत्ते के छोटे-छोटे बच्चों के लिए बिस्कुट लेकर जाता था। एक दिन परिस्थितियाँ विपरीत हो गईं और बिस्कुट न खरीद पाने के कारण वह बहुत परेशान हुआ। परंतु उसकी कोशिशों के बाद भी केवल सात ही बिस्कुट मिले, जिसे उसने एक ही बच्चे को खिला दिया। दिलचस्प बात यह रही कि वही बच्चा रुका था, जिसे पूरा विश्वास था कि वह आदमी आएगा।
इस प्रेरणादायक कहानी में छिपा संदेश यही है कि जीवन में विश्वास और धैर्य की शक्ति बहुत बड़ी होती है। जब हम अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहते हैं और निरंतर प्रयास करते हैं, तो एक न एक दिन सफलता अवश्य मिलती है।
"Moral Stories in Hindi" की इस कहानी में न सिर्फ एक सशक्त Lesson of Life छुपा है, बल्कि यह हमें सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी उम्मीद और कर्म को बनाए रखना ही सच्ची सफलता की कुंजी है।
Moral stories in hindi - विश्वास की जीत
एक आदमी था । बहुत हि खुशमिजाज था । जहा जिस ऑफिस मे काम करता था । वहा के सारे लोग उससे बहुत खुश उससे खुश रहते थे । सबके साथ खुशिया बाटते फिरता था । उसके साथ आस पढ़ोस मे रहने वाले लोग भी बहुत खुश रहते थे ।
उस आदमी का रोजाना का एक काम था । रोजाना ऑफिस से लौटते समय बिस्कुट का पैकेट खरीद लेता था । और उसके घर के बगल मे जो गली था वहा कुत्ते के छोटे छोटे बच्चे रहते थे । उनको रोजाना वह बिस्कुट खिलात था । रोजाना का उसका यही काम था । एक दिन काम करते करते बहुत लेट हो गया । और वह बिस्कुट खरीद नहीं पाया । सारी दुकाने बंद हो गई थी । वह रास्ते भर यही सोच रहा था की आज मै क्या खिलाऊंगा । यही सोचते सोचते घर आ गया । उसकी पत्नी बोला की भोजन कर लो । तो उसने कहा नहीं पहले मै उन बच्चों को बिस्कुट खिलाऊंगा तब जाके खाऊंगा । लेकिन सोच रहा हुन क्या खिलाऊ जब मैने बिस्कुट खरीद हि नहीं पाया ।
उसने अपने पत्नी से कहा की जाओ किचेन मे देखो की बिस्कुट है । उसने जाकर देखा तो नहीं था । उसकी पत्नी ने कहा कोई बात नहीं आज चपाती खिला दो । तो वे दोनो चपाती लेकर गये लेकिन कोई बच्चा चपाती नहीं खाया । उनको तो बिस्कुट खाने की आदत सी हो गई थी । आदमी बहुत मायूस हुआ ।
दोनो घर आ गये तो उसकी पत्नी ने कहा की अब तो भोजन कर लो । लेकिन आदमी उन बच्चों के बारे मे हि सोच रहा था की वे बच्चे मेरा इंतजार कर रहे है । उसने फिर अपनी पत्नी से कहा की जाओ एक बार और किचेन मे देखो की कुछ है । इस बार ढूढ़ते ढूढ़ते वह डब्बा मिलता है जिसमे मेहमानों के लिए बिस्कुट रख्खा गया था ।
आदमी कहता है वही लाओ उसकी पत्नी कहती है बिस्कुट तो है लेकिन केवल सात हि है । आदमी कहता है इतने मे तो नहीं हो पायेगा । किसी का पेट हि नहीं भरेगा । फिर कुछ सोचकर वही सात बिस्कूट लेकर चला जाता है । जब वहा पहुँचता है तो देखता है की सारे बच्चे जा चुके है केवल एक बच्चा रुका था वह आदमी उसी को सातो बिस्कूट खिला देता है और उसका पेट भर जाता है । वह बच्चा खुशी से बिस्कूट खाने के बाद चला जाता है ।
कहानी बहुत छोटी है मगर हमे बहुत कुछ सिखाता है । जब हम भगवान से कसी चीज के लिए आस लगाए रहते है । की भगवान ये कर दे भगवान वो कर दे जब हमे नहीं मिलता है है तो भगवान का नाम जापना हि छोड़ देते है । कुत्ते के सभी बच्चों मे केवल एक बच्चे को विश्वास था वह आदमी जरूर आएगा । इसलिए उसे खाने को मिला। इसलिए जिंदगी मे हमे कुछ पाना है तो विश्वास और धैर्य जरूरी है । हम जो चाहते है वह एक ना एक दिन जरूर मिलेगा । हमे बस कर्म करने की आवश्यकता है ।
यदि जिंदगी मे सब कुछ अच्छा चल रहा है तो उस परमात्मा को धन्यबाद दीजिये नहीं अच्छा है सब्र रखिये ये दिन गुजर जायेगा ।
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इस कहानी को पढ़ने के लाभ:
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विश्वास का महत्व: यह कहानी सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी अपने विश्वास को बनाए रखना सफलता की कुंजी है।
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धैर्य की शक्ति: कहानी हमें सिखाती है कि जब हालात विपरीत हों, तब भी धैर्य बनाए रखना जरूरी है।
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निस्वार्थ सेवा का महत्व: व्यक्ति का निस्वार्थ प्रेम और सेवा भाव दूसरों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
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संघर्ष और समाधान: कहानी यह दर्शाती है कि विपरीत परिस्थितियों में हार मानने के बजाय समाधान ढूंढना अधिक प्रभावी होता है।
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आत्म-अनुशासन: यह सिखाती है कि अपने सिद्धांतों और आदतों को निभाने का संकल्प कैसे हमें बेहतर इंसान बनाता है।
इस कहानी का हमारे जीवन में उपयोग:
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सकारात्मक सोच अपनाना: जब जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, तब उम्मीद और विश्वास बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। यह कहानी सिखाती है कि चाहे हालात कितने ही विपरीत क्यों न हों, विश्वास और धैर्य से हम समाधान पा सकते हैं।
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धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करना: सफलता और इच्छाओं की पूर्ति समय के साथ होती है। जैसे उस कुत्ते के बच्चे ने इंतजार किया, वैसे ही हमें भी अपने लक्ष्य के लिए धैर्य रखना चाहिए।
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निस्वार्थ सेवा का महत्व: यह कहानी हमें याद दिलाती है कि बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद करने से हमें आत्मसंतोष और मानसिक शांति मिलती है।
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संघर्ष के दौरान हार न मानना: जीवन में जब चीजें हमारी योजना के अनुसार नहीं होतीं, तब हार मानने के बजाय समाधान खोजने की आदत विकसित करनी चाहिए।
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आत्म-अनुशासन और आदतों का महत्व: अपनी आदतों और सिद्धांतों का पालन करना हमें एक जिम्मेदार और विश्वसनीय इंसान बनाता है।
निष्कर्ष: यह कहानी हमें जीवन में विश्वास, धैर्य और निस्वार्थ प्रेम के महत्व को समझने और अपनाने की प्रेरणा देती है, जो व्यक्तिगत विकास और मानसिक शांति के लिए बेहद जरूरी है।
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