सोचना अच्छा है, लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा सोच काम को असंभव बना देता है
आपके साथ भी ऐसा हुआ है?
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आप कोई काम शुरू करने से पहले सोचते ही रह गए?
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“क्या मैं कर पाऊंगा?”, “लोग क्या कहेंगे?”, “गलती हो गई तो?”
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और फिर आपने वो काम किया ही नहीं…
यही है Overthinking का जाल।
Overthinking: जब सोच काम को रोक देती है
ज़्यादा सोचने से क्या होता है?
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Action Delay: काम टलता जाता है
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Self-Doubt: आत्मविश्वास गिरता है
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Stress & Anxiety: मानसिक दबाव बढ़ता है
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Missed Opportunities: मौके हाथ से निकल जाते हैं
मनोविज्ञान क्या कहता है?
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Overthinking आपके दिमाग को "Fight, Flight or Freeze" mode में डाल देता है।
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इससे तुरंत एक्शन लेने की क्षमता घट जाती है, और आप उलझनों में फँस जाते हैं।
Overthinking से बचने के उपाय
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80/20 Rule अपनाएँ: 80% काम करें, 20% सोचें
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छोटा एक्शन लें: सिर्फ़ 5 मिनट के लिए शुरू करें
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लिखकर सोचें: सोच को कागज़ पर उतारें
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Self-Talk को Positive बनाएं
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Perfect बनने की सोच छोड़ें — शुरू करें
निष्कर्ष:
सोचो ज़रूर, लेकिन इतना नहीं कि सोचते-सोचते आपका समय, अवसर और आत्मविश्वास तीनों खत्म हो जाएँ।
आज एक छोटा कदम लो — वो किसी बड़ी मंज़िल का रास्ता बन सकता है।
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