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"जो हर किसी का दर्द सुनता है, वो खुद सबसे ज़्यादा टूटा होता है – जानिए इसका मनोवैज्ञानिक सच"

                                              


जो सबकी परेशानियाँ सुनते हैं, वही अक्सर अपनी सबसे ज़्यादा छुपाते हैं

                                           
                                           
                                           

 क्या आपने कभी महसूस किया है?

                                             

आपके आसपास ऐसे लोग होते हैं जो हर किसी की सुनते हैं, सबके आंसू पोंछते हैं, हिम्मत बंधाते हैं…
लेकिन जब बात अपनी तकलीफों की आती है, तो वे सिर्फ मुस्कुरा देते हैं।


 क्यों नहीं बताते ये लोग अपनी परेशानियाँ?

"मुझे दूसरों को और बोझ नहीं देना" वाली सोच

  • ये लोग सोचते हैं कि अगर मैं भी अपने दुख बांटूंगा, तो सामने वाला और परेशान हो जाएगा।

Emotional Responsibility

  • ये लोग अंदर से बेहद संवेदनशील होते हैं।

  • वे खुद दुख में होते हुए भी दूसरों को हिम्मत देना अपना फ़र्ज़ समझते हैं।

अकेलेपन की आदत

  • जब कोई इंसान बार-बार अनसुना किया गया हो, तो वह आवाज़ देना छोड़ देता है

Overgiver Syndrome

  • ऐसे लोग दूसरों को खुश रखने के चक्कर में खुद को भूल जाते हैं

  • यह व्यवहार एक प्रकार की मानसिक थकावट (Emotional Burnout) में बदल सकता है।

  • इसके क्या दुष्परिणाम होते हैं?

    • मानसिक तनाव (Mental Stress)

    • अनजाना गुस्सा या चुप्पी

    • आत्म-संकोच (Self Suppression)

    • धीरे-धीरे डिप्रेशन के लक्षण

    • साइकोलॉजी क्या कहती है?

      • इसे “Empath Personality” कहा जाता है — यानी ऐसा व्यक्ति जो दूसरों की भावनाएँ बहुत गहराई से महसूस करता है

      • ऐसे लोग समाज के लिए जरूरी होते हैं, लेकिन अपने लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं अगर उन्होंने खुद की भावनाओं को दबा दिया।


       क्या करना चाहिए?

      • ऐसे लोगों से पूछें: “तुम कैसे हो सच में?

      • उनके लिए समय निकालें, न कि सिर्फ़ सहानुभूति दिखाएँ।

      • उन्हें यह भरोसा दिलाएं कि वो भी बोल सकते हैं, और कोई सुनेगा।

      •  निष्कर्ष:

        जो मुस्कुरा रहा है, वो ज़रूरी नहीं कि खुश है।
        हो सकता है वह सिर्फ़ आपको हिम्मत देने के लिए टूटा हुआ दिल लेकर खड़ा हो।

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