बुरा यकीन और अच्छा शक – इंसानी फितरत की सच्चाई
क्यों लोग आपकी अच्छाई पर शक करते हैं और बुराई पर यकीन?
जब कोई आपके बारे में कुछ अच्छा कहता है, तो ज़्यादातर लोग मुस्कुरा कर टाल देते हैं।
लेकिन जब वही लोग कुछ बुरा सुनते हैं — तो बिना सोचे समझे मान भी लेते हैं।
क्यों?
ये कोई संयोग नहीं —
बल्कि एक गहरा मनोवैज्ञानिक व्यवहार (Psychological Behavior) है।
मनोविज्ञान क्या कहता है?
Negative Bias नामक मनोवैज्ञानिक सिद्धांत कहता है:
"मनुष्य नकारात्मक जानकारी को सकारात्मक जानकारी से ज़्यादा गंभीरता से लेता है।"
इसका मतलब —
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लोग बुरी बातें जल्दी पकड़ते हैं
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और अच्छी बातों को संदेह से देखते हैं
उदाहरण:
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कोई कहे: "वो बहुत मददगार है" → जवाब: "सच में?"
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कोई कहे: "वो दोहरे मुँह वाला है" → जवाब: "हाँ! मुझे भी ऐसा लगा था!"
इससे आपका क्या नुकसान होता है?
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Character assassination
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Trust issues in society
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Low confidence in self
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Unnecessary explanations & justification
समाधान क्या है?
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खुद के बारे में लोगों की राय को अपने आत्म-मूल्य से न जोड़ें
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जब कोई बुरा सुने, तो सच्चाई जानने की कोशिश करें
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दूसरों की अच्छाई को भी उतना ही सम्मान दें जितना बुराई को देते हैं
निष्कर्ष:
"जो लोग आपकी बुराई पर आंख मूंद कर विश्वास कर लेते हैं,
वे आपके भले में कभी आँख भी नहीं खोलेंगे।"खुद को पहचानिए — दूसरों की सोच पर नहीं, अपने सच्चे कर्मों पर भरोसा कीजिए।


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