तीन दोस्तों की कहानी –प्रेरणादायक हिंदी कहानी

 परिचय- प्रेरणादायक हिंदी कहानी



हमारी जिंदगी में कई बार ऐसे मौके आते हैं जहाँ हमें चुनना होता है – सच्चाई या लालच। यह कहानी सिर्फ तीन दोस्तों की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की है जो जिंदगी में नैतिकता की कसौटी पर खरा उतरता है। आइए पढ़ते हैं एक ऐसी प्रेरणादायक हिंदी कहानी, जो दिल को छू जाती है।



तीन दोस्तों की कहानी –प्रेरणादायक हिंदी कहानी


तीन दोस्तों की कहानी –प्रेरणादायक हिंदी कहानी


मुख्या कहानी -



तीन दोस्त थे जिनका नाम रोहित मोहित और भास्कर था तीनों में बहुत गहरी दोस्ती थी तीनों कोई भी कम एक साथ करते थे और मिल पाठ के खाते थे कोई भी कोई भी काम एक साथ करते थे और शाम के वक्त जितना भी पैसा कमाते थे आपस में बांट लेते थे उनकी दोस्ती का चर्चा पूरे गांव में था एक दिन उसे गांव में एक व्यापारी आया जो इन्हीं तीनों को ढूंढ रहा था पता करते-करते वह व्यापारी इन तीनों लोगों के पास पहुंचा और बोला कि मैं आप ही तीन लोगों को ढूंढ रहा था ।



तीन दोस्तों की कहानी –प्रेरणादायक हिंदी कहानी




तीनों ने आश्चर्य से पूछा कि हम तो आपको जानते नहीं है और इस गांव में हमने आपको पहली बार देखा है कृपया अपना परिचय दीजिए व्यापारी ने कहा मैं बहुत धनी आदमी हूं मैं ऐसे ही सच्चे व्यक्ति को ढूंढ रहा हूं जिसकी तलाश मुझे आज पूरी हुई है मैं एक खजाने के बारे में जानता हूं जो आप तीनों को बताना चाहता हूं और यह बात किसी और से मत बताना यदि मेरी मुझ पर विश्वास है तो मैं उसे खजाने का रहस्य बताता हूं और आप तीनों जाकर मिल पाठ कर ले लेना इतना कह कर व्यापारी चला गया अब इन तीनों ने सोचा चलो उसे खजाने खजाने को खोजा जाए और हम लोग भी अमीर हो जाएंगे उनमें से रोहित ने कहा कि पता नहीं वह आदमी सही बोला या गलत तब तक भास्कर ने कहा चलो एक बार देखने में क्या जाता है। तीनों खजाने की खोज में निकल पड़े। जो पता उसे व्यापारी ने बताया था इस पते पर चल पड़े ।




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 रास्ते में चलते-चलते मोहित को अचानक से चक्कर आने लगा और उसने पानी मांगा तो रोहित ने भास्कर से कहा की जो कहीं से पानी लेकर आओ। जैसे ही भास्कर पानी लेने के लिए कहीं दूर जा गया। मोहित तुरंत खड़ा हो गया और रोहित से कहा कि मेरे अंदर एक योजना है । अगर तुम चाहो तो इस खजाने के दो मालिक हो सकते हैं। रोहित ने कहा वह कैसे तो मोहित ने जवाब दिया हम भास्कर को मार डालते हैं और उसे रास्ते से हटा देंगे और इस खजाने की हम दोनों मलिक होंगे रोहित की इच्छा न थी फिर भी उसके भी मन में लालच आ गया और उसने हां बोल दिया चलते-चलते एक जगह पहाड़ी पर मोहित गया और बोला क्या नजारा है इतना सुनकर रोहित और भास्कर भी उसे नजारे को देखने के लिए आ गए इतने में मौका देखकर मोहित ने भास्कर को उसे पहाड़ी से झरने में धक्का दे दिया अब जोर-जोर से हंसने लगा थोड़ी देर बाद रोहित भी हंसने लगा दोनों बहुत खुश थे की भास्कर को हिस्सा नहीं देना पड़ेगा। भास्कर जिस झरने में गिरा था उसे झरने में कुछ मछुआरे मछली पकड़ रहे थे तो मछुआरे के जाल में भास्कर फस जाता है मछुआरे ने जैसे ही जल बाहर निकाल तो देखा है कि एक आदमी उसके जाल में फंसा है वह भास्कर को लेकर अपना घर आता है और उसका इलाज करने लगता है। तो दूसरी तरफ रोहित और मोहित चलते-चलते एक जंगल की तरफ पहुंचते हैं हम दोनों बहुत भूखे थे तो पेड़ से कुछ फल तोड़कर खाने लगे खाने के बाद रोहित को गहरी नींद आ जाती है मोहित को सोच रहा होता है मोहित के मन में फिर से लालच जागती है और वह सोचता है कि क्यों ना रोहित को भी मार दिया जाए इतना सोचकर वह क्या करता है जिस पेड़ के नीचे रोहित सोया था इस पेड़ में बहुत मजबूती से रोहित को बांध देता है।




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और जैसे ही वहां से जाने रखता है तब तक रोहित की नींद खुलती है और चिल्लाने लगता है लेकिन मोहित एक भी नहीं सुनता है और मस्त चल जाता है रोहित रोने लगता है और चिल्लाने लगता है तब तक अचानक से वहां से गुजर रहे एक व्यक्ति उसके पास जाता है तुम्हारी यह हालत कैसे हो गई तो रोहित कहता है कि यह सब बाद में बताऊंगा पहले तुम मुझसे पहले तुम मुझसे यहां से छुड़ाओ वह आदमी कुछ सोचने के बाद रोहित को छुड़ा देता है छुट्टी ही रोहित उसे धन्यवाद देकर वहां से तुरंत दौड़कर भागने लगता है। तब तक मोहित बहुत आगे निकल जाता है मोहित को अचानक से एक एक चीखने चिल्लाने की आवाज आती है मूवी जाकर देखा है तू देखता है एक बूढ़ा व्यक्ति जिसको चोट लगी है रो रहा है मोहित उसके पास जाता है तो बूढ़ा व्यक्ति करता है कि मैं इस जंगल में लकड़ी तोड़ने आया था और एक जंगली भैंस ने मुझे मार दिया है। 



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मेरा घर जंगल के बगल में ही है और मैं चल नहीं सकता कृपया तुम मुझे मुझे मेरे घर तक छोड़ दो। मोहित चिल्लाते हुए खाता है मेरे पास इतना टाइम नहीं है कि मैं तुम्हारी मदद करूं और इतना कह कर वह आगे भाग जाता है। दौड़ते दौड़ते जैसे ही घाटी पर करता है वैसे ही इस खजाना दिखता है जहां केवल सोना चांदी हीरा मोती था उसे देखकर मोहित बहुत खुश होता है। जल्दी-जल्दी मोहित उसे खजाने को थैली में भरने लगता है। इधर रोहित भी दौड़ते दौड़ते खजाने की तरफ बढ़ रहा था तब तक उसे भी उसे बूढ़े व्यक्ति के रोने की आवाज सुनाई दिया जब वह बूढ़े व्यक्ति के पास पहुंचता है तो बूढ़े व्यक्ति ने वही बात कही जो मोहित से कहा था रोहित रोहित ने भी उसे बूढ़े को अनदेखा किया और आगे बढ़ जाता है रोहित भी जैसे ही घाटी को पार करता है खजाने के पास पहुंच जाता है वहां देखा है कि मोहित पहले से ही खजाना थैली में भर रहा है और मोहित जैसे ही रोहित को देखा है तो कहता है कि अभी तुम जिंदा हो रोहित गुस्से में आकर मोहित को टूट पड़ता है और दोनों एक दूसरे दूसरे पर जानलेवा हमला करने लगते हैं तब तो कुछ नकाब इस लोग आते हैं अब दोनों को कैद कर लेते हैं। 




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इधर भास्कर को होश आता है उसके सारे गांव भर जाते हैं वह बिल्कुल ठीक हो जाता है और मछुआरे को धन्यवाद देकर वहां से चला जाता है वह भी खजाने की तरफ बढ़ने लगता है भास्कर को भी जंगल में बूढ़े एक बूढ़े व्यक्ति की आवाज सुनाई दिया तो भास्कर उसके पास जाता है और बुरे व्यक्ति ने भी वही बात कही जो रोहित और मोहित से कहा था भास्कर ने उसकी चोट पर जंगल की जड़ी बूटियां लगे और उसे उसके घर छोड़कर आया उसके बाद खजाने की तरफ बढ़ने लगा जैसे वह खजाने के पास गया तो बूढ़ा व्यक्ति उसके पीछे-पीछे आने लगा बूढ़े व्यक्ति ने कहा तुमने हमारी मदद की है मैं भी तुम्हारा मदद करूंगा तू भास्कर ने कहा मैं खजाने की तलाश में हूं वहीं जा रहा हूं बूढ़े के व्यक्ति ने कहा मैं उसे खजाने का पता जानता हूं चलो मैं वहां तुम्हें छोड़ देता हूं दोनों एक साथ खजाने के पास पहुंचे वहां पहुंचने के बाद बूढ़े व्यक्ति ने कहा कि मैं कोई बूढ़ा व्यक्ति नहीं हूं मैं इस राज्य का राजा वीर सिंह वहीं व्यापारी बनकर तुम्हारे पास आया था मेरे कोई संतान नहीं है इसलिए मैं अपने राज्य का उत्तराधिकारी खोज रहा हूं मुझे एक ईमानदार सच्चे इंसान की तलाश थी जैसे ही मेरा काफिला तुम्हारे गांव से गुजर रहा था तो मैं तुम तीनों दोस्तों का नाम सुनाओ तुम तीनों के चर्चे पूरे गांव में थे तो मैंने सोचा मेरा उत्तराधिकारी इन्हीं में से कोई एक हो सकता है ।




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इसलिए तुम इन तीनों का परीक्षा लेने के लिए मैं इस खजाने का पता बताया या खजाना हमने ही छुपाया है और इसके आसपास इसकी रक्षा करने के लिए मेरे सैनिक छुपे हुए हैं और यह आदेश था कि तुम तीनों के अलावा इस खदानों का कोई न पहुंचे उन दोनों के अंदर लालच की भावना थी दया नाम की कोई चीज नहीं था इसलिए मेरे सैनिकों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है यहां तक की लालच में आकर वे दोनों आपस में ही लड़ पड़े और तुम्हें भी करने के लिए पहाड़ी से झरने में धकेल दिया तुम तीनों में तुम ही सबसे ईमानदार और दयालु हो इसलिए मेरे राज्य का उत्तराधिकारी तुम ही हो भास्कर इतना सुनकर बहुत खुश हुआ और बोला कि मैं आपके राज्य का उत्तराधिकारी बनने के लिए तैयार हूं लेकिन मेरे दोनों दोस्तों को रिहा कर दीजिए राजा वीर सिंह उसके डालता से प्रभावित होकर उसके दोनों दोस्तों रोहित और मोहित को रिहा कर दिया जब यह बात रोहित और मोहित को पता चला वह बहुत पछताने लगे।



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कहानी पढ़ने से लाभ (Benefits):

  1. यह कहानी सिखाती है कि लालच हमेशा नुकसान का कारण बनता है।

  2. सच्चाई, ईमानदारी और दयालुता से ही असली सफलता मिलती है।

  3. दोस्ती का मूल्य और विश्वास का महत्व समझ में आता है।

  4. यह प्रेरणादायक हिंदी कहानी बच्चों और बड़ों दोनों के लिए नैतिक शिक्षा देती है।


निष्कर्ष (Conclusion):

यह प्रेरणादायक हिंदी कहानी हमें यह समझाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न आए, अगर हम सच्चाई और भलाई के मार्ग पर चलें तो अंत में सफलता और सम्मान अवश्य मिलता है।

सुझाव (Call to Action):

अगर आपको यह प्रेरणादायक हिंदी कहानी पसंद आई हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज़रूर शेयर करें।
नीचे कमेंट कर के बताइए कि आपको सबसे ज़्यादा क्या सिखने को मिला।



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